जिन घरों में पांच साल पहले वोट मांगने गए थे, वहां पांच साल बाद दूसरी बार पहुंच रहे प्रत्याशी।
पंचायत चुनाव में हर कोई मतदाता को अपने पक्ष में करने का कर रहा प्रयास।
– चाय की दुकान,चौराहों,गली नुक्कड़ों में बैठकों का दौर है जारी।

यमकेश्वर। सुदीप कपरूवाण। 25 जुलाई 2025
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हर कोई प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं से अपील कर रहा है।
कोई मतदाताओं को सरकार से अनुदान दिलाने, दाखिला चलवाने,परिवार रजिस्टर सही करवाने,आवास दिलाने,सीसी रोड बनाने, कोई सोलर लाइट लगाने,तो कोई बकरी बाड़ा बनवाने का आश्वासन दे रहा है।
यमकेश्वर और द्वारीखाल विकासखंडों के गांवों में इन दिनों चुनावी बयार के कारण माहौल बदला है। जिन गांवों में पलायन हो गया उन गांवों में आजकल दिनभर खूब चहल पहल है। कोई ग्रामीण खेत में काम कर रहा तो प्रत्याशी खेत में ही पहुंच जा रहे हैं। कोई बुजुर्ग महिला जंगल से भारी घास का बोझा लेकर आती हुई रास्ते में दिखाई दे रही तो प्रत्याशी बुजुर्ग से बोझा लेकर अपने सर में रखकर घर आंगन तक पहुंचा रहे हैं।
कई ग्रामीणों को इस दौरान प्रचार करने का काम भी मिल गया है। प्रधान पद के लिए जो नए प्रत्याशी मैदान में हैं, वह अपनी ग्राम पंचायत के अलग-अलग गांवों में जाकर मतदाताओं के पैर छू रहे हैं। गांव में सोलर लाइट लगाने,पुश्ता निर्माण, वृद्धों की पेंशन लगवाने, जिनके घर तक सीसी मार्ग नहीं हैं वहां सीसी मार्ग बनाने का आश्वासन दे रहे हैं। जो पुराने प्रधान थे वह उन्हीं लोेगों से वोट मांगने के लिए जा रहे हैं जिनके लिए उन्होंने पांच साल काम किया।
जिन गांवों में पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हैं और ग्रामीण ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य से पिछले 5 साल से रास्ता मरम्मत की मांग कर रहे थे अब उन्हीं टूटे रास्तों पर एक दूसरे का हाथ पकड़ कर प्रत्याशी विकास के नाम पर एक-एक घर वोट मांगने जा रहे हैं।

कई प्रधान ऐसे भी हैं जो पांच साल पहले उनकी चौखट पर वोट मांगने गए थे, लेकिन अब पांच साल बाद फिर वोट मांगने गए। पिछले 5 वर्ष जो प्रधान थे वह घर घर जाकर मतदाताओं से वोट इसलिए मांग रहे कि कुछ काम अधूरे रह गए उन्हें पूरा करना है।
कई निवर्तमान प्रधान ऐसे भी हैं जो 5 वर्षों में गांव की स्वपोषित पेयजल लाइन मरम्मत नहीं करवा पाए और गांवों में पेयजल संकट है वह इस बार इसलिए वोट मांग रहे कि जीत गया तो पेयजल लाइन मरम्मत करवाऊंगा।
जो ब्वारी (बहू),बेटी चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, कोटद्वार,ऋषिकेश रहकर गांव में प्रधानी, बीडीसी और जिला पंचायत का चुनाव लड़ने के पहुंची है वह भी गांवों में कई विकास कार्य कराने का आश्वासन दे रही हैं। आजकल उन्हें भी गांव के विकास की बहुत चिंता सता रही है। कई ब्बारी (बहू) तो अपनी गांव के मतदाताओं के साथ ऐसी घुल मिल रही हैं कि जैसे चुनाव के बाद यह इसी गांव में बसेगी।
कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो वातानुकूलित ऑफिस में बैठे रहते थे, वह गांवाें में दिनभर में कई किलोमीटर खड़ी चढाई चढ़ रहे हैं। जो कभी सोशल मीडिया से दूर रहते थे, वह वाट्सअप ग्रुप में दिनभर में दो बार प्रणाम कर रहे हैं।
कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो पिछली बार चुनाव जीतकर ऋषिकेश चले गए थे और गांव में ध्याड़ी पर 1 आदमी ग्रामीणों के कागज लेने के लिए रखा हुआ था। और केवल पंचायत की बैठकों और शादी समारोह में ही गांव आते थे। वह भी इस समय गांव में विकास करूंगा के नाम पर घर-घर जाकर वोट मांग रहे।
कई प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद पूरे क्षेत्र में विकास लहर दौड़ाने का वादा कर रहे हैं। कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो हर मिलने वाले व्यक्ति को चाय भोजन,ठंडा आदि के लिए बार बार पूछ रहे हैं। कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो पैदल रास्ते में चलने में बाधा बन रही झाड़ी को उखाड़ फेंक रहे हैं कि आजकल इन झाड़ियों में सांप आदि का खतरा रहता है।
जो प्रत्याशी खुद मैदानी जिलों में रहते हैं वह चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओें की खाने पीने की परवाह कर रहे हैं। वहीं इस बार अधिकांश लोग जागरुक दिख रहे हैं। इस बार लोग पैराशूट प्रत्याशी के बजाय स्थानीय ग्रामीण को वोट देने का मन बना रहे हैं। द्वारीखाल विकासखंड के मुकेश सिंह और यमकेश्वर विकासखंड के राजेंद्र सिंह,नीरज कुमार ने कहा कि जनता जागरुक है, इस बार पिछले चुनाव के बजाय समीकरण बदलेंगे।

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