देश का पहला ‘सैन्यधाम’ सबके लिए खास है. क्योंकि, यहां उन वीर सपूतों को याद किया जाएगा जो भारत के लिए शहीद हुए हैं
देश का पहला ‘सैन्यधाम’ सबके लिए खास है. क्योंकि, यहां उन वीर सपूतों को याद किया जाएगा जो भारत के लिए शहीद हुए हैं


उत्तराखंड में देश का पहला सैन्यधाम बनने जा रहा है, जो शहीदों की शहादत की निशानी बनेगा. राज्य के पांचवें धाम के रूप में इसे तैयार किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सैन्यधाम बनाने की घोषणा की
उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी निर्माणाधीन सैन्यधाम में समय समय पर पहुंचकर निर्माण कार्यों का जायजा लेते रहते है
सैन्य धाम का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में देश का पहला सैन्यधाम बनने जा रहा है, जो जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का यह पांचवां धाम है. क्योंकि यह जनभावनाओं से जुड़ा है. इसे बनाने के लिए 1734 शहीद जवानों के आंगन की मिट्टी और 28 पवित्र नदियों के जल को अमर जवान ज्योति के मुख्य स्तंभ में प्रतिस्थापित किया गया है. यहां लाइट एंड साउंड शो, म्यूजियम ऑडिटोरियम टैंक, जहाज और 120 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे के साथ ही अन्य सैन्य उपकरणों को भी रखा जा रहा है
देश का पहला ‘सैन्यधाम’ सबके लिए खास है. क्योंकि, यहां उन वीर सपूतों को याद किया जाएगा जो भारत के लिए शहीद हुए हैं. इंडियन आर्मी में पूजे जाने वाले बाबा हरभजन सिंह और बाबा जसवंत सिंह का यहां मंदिर भी बनकर तैयार कर दिया गया है. यहां बिपिन रावत की प्रतिमा को भी स्थापित किया गया है. विमान और सेना के टैंक भी स्थापित किए गए हैं. 91 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से लगभग 4 हेक्टेयर में बनाए गए सैन्यधाम में शहीदों के नाम भी लिखवाएं गए हैं…

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