अनिल रतूड़ी जी अपने कार्यकाल के दौरान सच्चे अर्थों में “स्थितप्रज्ञ” रहे यानी ऐसी मानसिक स्थिति में, जहां न कोई भय हो, न कोई लालच और न कोई विचलन रहा हो:धामी 1 min read आपका शहर उत्तराखंड देहरादून अनिल रतूड़ी जी अपने कार्यकाल के दौरान सच्चे अर्थों में “स्थितप्रज्ञ” रहे यानी ऐसी मानसिक स्थिति में, जहां न कोई भय हो, न कोई लालच और न कोई विचलन रहा हो:धामी Admin 1 year ago अनिल रतूड़ी जी अपने कार्यकाल के दौरान सच्चे अर्थों में “स्थितप्रज्ञ” रहे यानी ऐसी मानसिक स्थिति में, जहां न कोई भय हो, न कोई... Read More